जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने अब तक देखे गए सबसे दूर के सुपरनोवा को खोज निकाला है। GRB 250314A में SN नामक यह तारकीय विस्फोट तब हुआ जब ब्रह्मांड एक अरब वर्ष से भी कम पुराना था। वैज्ञानिकों ने गामा-रे विस्फोट द्वारा इसकी उपस्थिति का संकेत मिलने के बाद इस घटना की पुष्टि की।
खगोलविदों ने JWST का उपयोग करके सुपरनोवा का पता लगाया। टेलीस्कोप ने विस्फोट को सटीक रूप से इंगित किया, इसे अपनी धुंधली मेजबान आकाशगंगा से अलग किया। यह विस्फोट आधुनिक ब्रह्मांड में गामा-रे विस्फोटों से जुड़े सुपरनोवा के समान है। यह खोज प्रारंभिक ब्रह्मांड के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
यह खोज वैज्ञानिकों को ब्रह्मांडीय भोर में विशाल तारों की मृत्यु का अध्ययन करने की अनुमति देती है। सुपरनोवा के प्रकाश का आगे विश्लेषण प्रारंभिक तारों की संरचना के बारे में विवरण प्रकट कर सकता है। यह डेटा युवा ब्रह्मांड में तारकीय विकास के मॉडल को परिष्कृत करने में मदद करेगा।
सुपरनोवा ब्रह्मांड के विकास को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे तारों में बने भारी तत्वों को पूरे अंतरिक्ष में वितरित करते हैं। ये तत्व भविष्य की पीढ़ियों के तारों और ग्रहों के निर्माण खंड हैं।
शोधकर्ताओं ने अधिक दूर के सुपरनोवा की खोज के लिए JWST का उपयोग करने की योजना बनाई है। ये अवलोकन प्रारंभिक ब्रह्मांड के स्टार निर्माण इतिहास की गहरी समझ प्रदान करेंगे। टीम के निष्कर्षों की घोषणा 28 दिसंबर, 2025 को UCD रिसर्च इनोवेशन द्वारा की गई।
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