चीन ने ताइवान के चारों ओर सैन्य अभ्यास किया, जिसमें द्वीप पर कब्ज़ा करने और नाकाबंदी करने का अभ्यास किया गया। पूर्वी थिएटर कमांड ने सोमवार को अभ्यास की घोषणा की। युद्धपोतों, विमानों और रॉकेट फोर्स को तैनात किया गया।
"जस्टिस मिशन 2025" नामक अभ्यास में लाइव-फायर अभ्यास शामिल थे। यह अभ्यास अमेरिका द्वारा ताइवान के लिए 8 बिलियन डॉलर के हथियार पैकेज की घोषणा के कुछ दिनों बाद हुआ। चीन ने प्रतिक्रिया में अमेरिकी रक्षा फर्मों पर प्रतिबंध लगा दिया। ताइवान के बढ़ते रक्षा खर्च ने भी बीजिंग के गुस्से को हवा दी।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने द्वीप के पास 89 चीनी सैन्य विमानों और 28 युद्धपोतों का पता लगाया। राष्ट्रपति कार्यालय ने अभ्यास को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के लिए चुनौती के रूप में निंदा की।
चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है। ताइवान खुद को एक स्व-शासित द्वीप के रूप में देखता है। अभ्यास कथित अलगाववादी आंदोलनों के प्रति चीन की नाखुशी का संकेत देते हैं।
आगे सैन्य कार्रवाई और राजनयिक प्रतिक्रियाओं की उम्मीद है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय बारीकी से देख रहा है।
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