ट्रम्प प्रशासन एक बार फिर संघर्षरत कोयला और परमाणु ऊर्जा उद्योगों को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहा है। 2025 तक सब्सिडी पर विचार किया जा रहा है। यह 2017 में इन ऊर्जा स्रोतों को सहारा देने के एक असफल प्रयास के बाद हो रहा है।
प्रशासन की नई योजना कृत्रिम बुद्धिमत्ता से बढ़ती मांग का लाभ उठाती है। एआई विकास के लिए महत्वपूर्ण शक्ति की आवश्यकता होती है। लक्ष्य कोयला और परमाणु को डेटा केंद्रों के लिए विश्वसनीय ऊर्जा प्रदाताओं के रूप में स्थापित करना है।
उद्योग विश्लेषक संशयवादी हैं। पिछले प्रयासों को आर्थिक और राजनीतिक बाधाओं का सामना करना पड़ा। कोयला का पतन जारी है, अब यह अमेरिकी बिजली मिश्रण का केवल 17% है। परमाणु संयंत्रों को भी संघर्ष करना पड़ा है, हाल के वर्षों में कई बंद हुए हैं।
2017 की योजना पर करदाताओं को अरबों का खर्च आता। इसका उद्देश्य गैस और नवीकरणीय ऊर्जा से मूल्य दबाव का मुकाबला करना था। इस नई पहल को भी इसी तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस शक्ति प्रदर्शन की सफलता एआई के निरंतर विकास और कोयला और परमाणु की आर्थिक रूप से प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता पर निर्भर करती है। सब्सिडी पर आगे के विवरण आने वाले महीनों में अपेक्षित हैं।
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