लियोनार्डो दा विंची ने जली हुई लकड़ी के रहस्यों को जापान से पहले जान लिया था, अध्ययन में पाया गया
लियोनार्डो दा विंची के नोट्स से पता चलता है कि वे जापानी लोगों से पहले लकड़ी को जलाने के फायदों को समझते थे। ज़ेनोडो में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि लियोनार्डो ने याकिसुगी को संहिताबद्ध करने से एक सदी पहले जली हुई लकड़ी के सुरक्षात्मक गुणों का वर्णन किया था। याकिसुगी एक जापानी वास्तुशिल्प तकनीक है जो लकड़ी को बचाने के लिए उसे जलाती है।
जापानी याकिसुगी पद्धति के बारे में 17वीं और 18वीं शताब्दी में लिखा गया था। लियोनार्डो के नोट्स इससे पहले के हैं। उन्होंने लकड़ी को पानी, आग, कीड़ों और कवक से बचाने के लिए जलाने के बारे में लिखा था। यह लकड़ी के संरक्षण तकनीकों की समझ की समय-सीमा को बढ़ाता है।
यह खोज लियोनार्डो की व्यावहारिक विज्ञान की व्यापक समझ को उजागर करती है। यह याकिसुगी के विशुद्ध रूप से जापानी आविष्कार के रूप में स्थापित इतिहास को भी चुनौती देता है। विशेषज्ञ अब लकड़ी को जलाने की तकनीकों की उत्पत्ति का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं।
लियोनार्डो दा विंची एक पुनर्जागरण बहुज्ञ थे। उन्होंने 13,000 से अधिक पृष्ठों के नोट्स तैयार किए। इन नोट्स में भविष्य की तकनीकों का पूर्वाभास कराने वाले आविष्कार शामिल थे।
आगे का शोध लियोनार्डो के नोट्स का विश्लेषण करने पर केंद्रित होगा। वैज्ञानिक सामग्री विज्ञान पर उनके ज्ञान की सीमा का पता लगाएंगे। इससे लियोनार्डो के पहले से अज्ञात आविष्कारों का और पता चल सकता है।
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