रूसी गोलाबारी की दो सप्ताह की तीव्रता के बाद ओडेसा ने एक मानवीय संकट का सामना किया। यूक्रेन का सबसे बड़ा बंदरगाह, शहर ने लगभग चार वर्षों के युद्ध में अपनी सबसे भीषण बमबारी सही। हमलों के कारण निवासियों को बिजली, गर्मी और पानी के बिना रहना पड़ा।
यह संकट लगभग दो सप्ताह पहले शुरू हुआ और आज, 25 दिसंबर, 2025 तक जारी है। रूसी सेना ने ड्रोन और मिसाइलों से बार-बार ओडेसा पर हमला किया। हमलों ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया, जिससे आवश्यक सेवाएं पंगु हो गईं।
निवासी बुनियादी ज़रूरतों के बिना जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। टेटियाना रयबाक जैसे कमजोर व्यक्ति, जो चल नहीं सकते, विशेष रूप से खतरे में हैं। सामाजिक कार्यकर्ता प्रभावित लोगों को गर्म भोजन सहित सहायता प्रदान कर रहे हैं।
ओडेसा अपने बंदरगाह के कारण पूरे युद्ध में एक रणनीतिक लक्ष्य रहा है। हालिया वृद्धि हमलों की तीव्रता में एक महत्वपूर्ण वृद्धि का प्रतीक है। मकसद यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को पंगु बनाना माना जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है। मानवीय संगठन सहायता प्रयासों को बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। आगे के हमलों की आशंका है, और ओडेसा पर दीर्घकालिक प्रभाव अनिश्चित बना हुआ है।
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