कोलंबिया और संयुक्त राज्य अमेरिका कैरेबियाई और प्रशांत क्षेत्र में मादक पदार्थों के खिलाफ अभियानों को लेकर बढ़ते विवाद में उलझे हुए हैं। यह विवाद तब बढ़ गया जब राष्ट्रपति ट्रम्प ने कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो पर मादक पदार्थों का सरगना होने का आरोप लगाया। पेट्रो ने जवाब में ट्रम्प से जहाजों को नष्ट करने और उनके चालक दल को मारने के लिए जेल की सजा भुगतने की मांग की।
यह संघर्ष कथित मादक पदार्थ तस्करों को निशाना बनाने वाले अमेरिकी नाव हमलों से उपजा है, जिसका शुरुआती लक्ष्य वेनेजुएला था। पेट्रो की मादक पदार्थ नीतियों की आलोचनाओं के बावजूद, ट्रम्प के पेट्रो पर लगाए गए आरोपों में सबूतों की कमी है। इस मुद्दे का मूल कोलंबिया की एक वैश्विक कोकीन केंद्र के रूप में भूमिका के इर्द-गिर्द घूमता है, एक ऐसी स्थिति जो दशकों से इसकी भूगोल और इतिहास के कारण मजबूत हुई है।
पेट्रो की "पूर्ण शांति" रणनीति, जिसका उद्देश्य सशस्त्र समूहों के साथ बातचीत करना और कोका उत्पादकों को रियायत देना है, जांच के दायरे में है। आलोचकों को डर है कि इससे मादक पदार्थों के व्यापार को बढ़ावा मिल सकता है। कोलंबिया अब मादक पदार्थ नीति पर वैश्विक पुनर्विचार की वकालत कर रहा है, जो पारंपरिक दृष्टिकोणों को चुनौती दे रहा है।
इस स्थिति के तत्काल प्रभाव में कोलंबिया और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण राजनयिक संबंध शामिल हैं। भविष्य के घटनाक्रम इस बात पर निर्भर करते हैं कि क्या दोनों देश मादक पदार्थों की रोकथाम रणनीतियों और व्यापक मादक पदार्थ नीति सुधारों पर आम सहमति पा सकते हैं।
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