ईरान के पूर्व विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि मध्य पूर्व के लिए मुख्य खतरा ईरान नहीं, बल्कि इज़राइल है। उन्होंने यह दावा 28 दिसंबर, 2025 को एक साक्षात्कार के दौरान किया। ज़रीफ़ ने तर्क दिया कि इज़राइल, अमेरिकी समर्थन के साथ, लगातार शांति प्रयासों को कमजोर कर रहा है।
ज़रीफ़ ने कहा कि अमेरिका और इज़राइल द्वारा किए गए हमलों के बाद कूटनीति ने विश्वसनीयता खो दी। यह वाशिंगटन और तेहरान के बीच सुलह वार्ता के पांच दौर के बाद हुआ। उन्होंने इज़राइल पर ऐतिहासिक रूप से ईरान और अमेरिका के बीच सुलह को विफल करने का आरोप लगाया। ज़रीफ़ ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प की कूटनीति की भी आलोचना की। उनका मानना है कि इससे ऐसी बातचीत होती है जो युद्ध में समाप्त होती है।
यह बयान नए सिरे से बढ़ते तनाव के बीच आया है। कथित तौर पर इजरायली अधिकारी ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों के मुद्दे को संबोधित करने के लिए अमेरिका पर दबाव बना रहे हैं। ज़रीफ़ के बयान का तत्काल प्रभाव स्पष्ट नहीं है। इजरायली अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं की गई है।
ईरान और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है। इज़राइल अमेरिका का एक प्रमुख सहयोगी और ईरान के परमाणु कार्यक्रम का एक मजबूत आलोचक है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय संभवतः स्थिति पर बारीकी से नज़र रखेगा। शामिल पक्षों से आगे के बयानों और कार्यों की उम्मीद है। तनाव बढ़ने की संभावना अभी भी चिंता का विषय है।
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